Jiska Palla Bhari Dekhe

Saba Afghani

जिसका पल्ला भारी देखे
चाले उसी की चाल
अरे कान खोल के सुनलो भैया
इस दुनिया का हाल
निर्धन का न कोई लेता नाम
निर्धन का न कोई लेता नाम
और पैसा हो तो राम राम
कलयुग है इसी का नाम
जी हा रे है रे जी हा रे हो हो

रोज़ उडाये दूध मालि डा नाकारा इंसान
बाते कर कर के मर जाये
बड़े बड़े गुणवान
जी रे जी बड़े बड़े गुणवान
जी रे जी बड़े बड़े गुणवान
जी रे जी बड़े बड़े गुणवान
ओ ओ ओ हो
माया के ये लोभी सब है
पैसे को भगवन
जी रे जी पैसे को भगवन
अरे अपना तो ऐसी दुनिया को
अपना तो ऐसी दुनिया को
दूर से ही राम राम
निर्धन का न कोई लेटा नाम
निर्धन का न कोई लेटा नाम
और पैसा हो तो राम राम
कलयुग है इसी का नाम
जी हा रे है रे जी हा रे हो हो हो जी जी

मतलब जिसपे आन पड़े
ले उसके हाथों हाथ
सब उसकी परछाई बांके
साथ रहे दिन रात
साथ रहे दिन रात
साथ रहे दिन रात
साथ रहे दिन रात
हो हो हो
मतलब निकले तो फिर भैया
कोई न पूछे बात
कोई न पूछे बात
कागज़ के ये फूल है इन में
हो कागज़ के ये फूल है इन में
खुसबू का क्या काम
निर्धन का न कोई लेटा नाम
निर्धन का न कोई लेटा नाम
और पैसा हो तो राम राम
कलयुग है इसी का नाम
जी हा रे है रे जी हा रे हो हो हो

Trivia about the song Jiska Palla Bhari Dekhe by Mohammed Rafi

Who composed the song “Jiska Palla Bhari Dekhe” by Mohammed Rafi?
The song “Jiska Palla Bhari Dekhe” by Mohammed Rafi was composed by Saba Afghani.

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