Kab Tak Tu Bhagwan Se

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

कब तक तू भगवन से अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा
कब तक तू भगवन से अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा

जो सागर के अन्दर सीपी दीप छुपाये मोती
देख रही है सबकुछ लोगो उस मालिक की ज्योति

जो सागर के अन्दर सीपी दीप छुपाये मोती
देख रही है सबकुछ लोगो उस मालिक की ज्योति
अरे उस मालिक की ज्योति
जग के भेदी क्या बन्दे से धोखा खाएगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
कब तक तू भगवन से तू अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा

जिसकी मर्जी बिन ओ मूर्ख हिल न पाये तिनका
लेख लिखा है पास उसी के तेरे एक एक दिन का

जिसकी मर्जी बिन ओ मूर्ख हिल न पाये तिनका
लेख लिखा है पास उसी के तेरे एक एक दिन का
तेरे एक एक दिन का
कहा तू उसकी नजरो से बच के जाएगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
कब तक तू भगवन से तू अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा

Trivia about the song Kab Tak Tu Bhagwan Se by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kab Tak Tu Bhagwan Se” by Mohammed Rafi?
The song “Kab Tak Tu Bhagwan Se” by Mohammed Rafi was composed by Madan Mohan, Rajinder Krishnan.

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