Kabhi Khud Pe Kabhi Halat Pe Rona

Jaidev, Sahir Ludhianvi

कभी ख़ुद पे
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
कभी ख़ुद पे
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हरे इक बात पे रोना आया
बात निकली तो हरे इक बात पे रोना आया

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
हम तो समझे थे
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना

किसलिए जीते हैं हम
किसलिए जीते हैं हम किसके लिए जीते हैं
बार हा ऐसे सवालात पे रोना आया
बार हा ऐसे सवालात पे रोना आया
कभी ख़ुद पे

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया
कभी ख़ुद पे
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हरे इक बात पे रोना आया
कभी ख़ुद पे

Trivia about the song Kabhi Khud Pe Kabhi Halat Pe Rona by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kabhi Khud Pe Kabhi Halat Pe Rona” by Mohammed Rafi?
The song “Kabhi Khud Pe Kabhi Halat Pe Rona” by Mohammed Rafi was composed by Jaidev, Sahir Ludhianvi.

Most popular songs of Mohammed Rafi

Other artists of Religious