Kahoon Kya Ki Kaun Hoon Main

Lalita Deulkar

काहु क्या के कोण हू क्या हू मैं
किसी रास्ते का चिराग हू
मुझे जिसने चाहा जला दिया
मुझे जिसने चाहा बुझा दिया आ
ग़रीबो को दुनिया मिटा देने वाले
ख़ाता मेरी क्या है सज़ा देने वाले
ग़रीबो को दुनिया

ये आसु नही मेरा दिल रो रहा है
मेरे दर्द की अब ना कोई दवा है
अब ना कोई दवा है
तुझे क्या खबर है के गम क्या बाला है
तुझे क्या खबर है के गम क्या बाला है
मेरे गम पे ओ मुस्कुरा देने वाले
ख़ाता मेरी क्या है सज़ा देने वाले
ग़रीबो को दुनिया

उम्मीदो से धोखा किए जेया रहा हूँ
खुशी को दिलाषे दिए जेया रहा हूँ
दिए जेया रहा हूँ
मैं किस आशरे पर जिया जा रहा हूँ
मैं किस आशरे पर जिया ज रहा हूँ
बता जिंदगी की सज़ा देने वाले
ग़रीबो को दुनिया मिटा देने वाले
ग़रीबो को दुनिया
ग़रीबो को दुनिया मिटा देने वाले
ख़ाता मेरी क्या है सज़ा देने वाले
ग़रीबो को दुनिया

Trivia about the song Kahoon Kya Ki Kaun Hoon Main by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kahoon Kya Ki Kaun Hoon Main” by Mohammed Rafi?
The song “Kahoon Kya Ki Kaun Hoon Main” by Mohammed Rafi was composed by Lalita Deulkar.

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