Kahoon Kya Tumse Apni Dastan

Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh

कहु क्या तू तुमसे तू अपनी दासता
तेरे दिल में हां आ जो दर्द है हा आ कह दे जाने जा
वई वई वई
कहु क्या तू तुमसे तू अपनी दासता
तेरे दिल में हां आ जो दर्द है हा आ कह दे जाने जा
वई वई वई

एक दिन गुलशन में एक सैयद आया
लेकर वो निकला मुझे बस्ती में
हो हो रंग मेरा बेचा मेरे नग्मे बेचे
लूटा जो भी था मेरी हस्ती में
किसने लूटा तेरा प्यार यकदुम वो भी न बचेगा यार यकदुम
कहु क्या तू तुमसे तू अपनी दासता
तेरे दिल में जो हो ओ दर्द है हो हो कह दे जाने जा

मेरे जीवन का सारा रस लेकर
ज़ालिम ने फेका क्यूँ रहो में
हाय हाय हाय
कुचली फिरती हूँ मसलि फिरती हूँ
इसके हाथो में उसकी बाहों में
न रो और न हो उदास
यकदुम यकदुम यकदुम
तेरा मैं हूँ आ मेरे पास

Trivia about the song Kahoon Kya Tumse Apni Dastan by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kahoon Kya Tumse Apni Dastan” by Mohammed Rafi?
The song “Kahoon Kya Tumse Apni Dastan” by Mohammed Rafi was composed by Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh.

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