Kahta Tha Zamana Magar

Aziz Kashmiri

कहता था ज़माना
कहता था ज़माना मगर
हमने ना माना
मुश्किल है बहुत प्यार की
रश्मों को निभाना
रश्मों को निभाना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना

हमने भी गुज़रे दिल से
सुना था ये फ़साना
हमने भी गुज़रे दिल से
सुना था ये फ़साना
ज़ुल्फ़ों के हसीं जाल में
दिल को ना फ़साना
ज़ुल्फ़ों के हसीं जाल में
दिल को ना फ़साना
दिल को ना फ़साना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना

मुमकिन नहीं तक़दीर के
मुमकिन नहीं तक़दीर के
लिखे को मिटाना
कातिल हुआ करता है
कातिल हुआ करता है
निगाहों का निशाना
अब दिल को बचाना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना
और डूब के जाना

Trivia about the song Kahta Tha Zamana Magar by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kahta Tha Zamana Magar” by Mohammed Rafi?
The song “Kahta Tha Zamana Magar” by Mohammed Rafi was composed by Aziz Kashmiri.

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