Kaisa Hai Naseeb Tera

BAPPI LAHIRI, NAQSH LYALLPURI

रुक जा तेरे हाथ बँधे है
करमो की ज़ंजीर में
अपने खून को गले लगाना
नही तेरी तक़दीर में
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवली है
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है
सब कुछ पाया तूने
सब कुछ पाया तूने
फिर भी झोली खाली है
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है

तूने सारी खुशिया खो दी
पाप की काली रातों में
रह गये ग़म के जलते आँसू
तेरी प्यासी आँखो में
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है
सब कुछ पाया तूने
सब कुछ पाया तूने
फिर भी झोली खाली है
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है

प्यार का दामन मैला ना हो
अपने दाग छुपा ले तू
तेरे किए की यही सज़ा है
मौत को गले लगा ले तू
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है
सब कुछ पाया तूने
सब कुछ पाया तूने
फिर भी झोली खाली है
कैसा है नसीब तेरा
कैसा तू सवाली है
अपने दाग छुपा ले तू
मौत को गले लगा ले तू
मौत को गले लगा ले
मौत को गले लगा ले
मौत को गले लगा ले

Trivia about the song Kaisa Hai Naseeb Tera by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kaisa Hai Naseeb Tera” by Mohammed Rafi?
The song “Kaisa Hai Naseeb Tera” by Mohammed Rafi was composed by BAPPI LAHIRI, NAQSH LYALLPURI.

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