Kholke Ankhen Chalo Seth Ji

R D Burman, Rajinder Krishnan

खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
अरे अब सबको अपना
अपना पड़ेगा भोज उठना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना

हुंडई पर्चा चार का
टेका सुधग भूलना होगा
अरे ना भूले तो टिकेट
कटा कर देल्ही जाना होगा
हाथ की घड़ी पाव का पहिया
सिख लो अब तो चलना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
अब तो सबको अपना
अपना पड़ेगा बॉज़ उठना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना

सरककर अंदर चावल अंदर
बाहर भी कुछ लाओ
अरे लाला जी अब देश के
धन को बाँट बाँट कर खाओ
हाथ की घड़ी पाव का पहिया
सिख लो अब तो चलना ओये
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना

कंडे पर हाल रखने वाला
कहलाएगा योगी
अरे आने वेल युग
में अब मजदूर की पूजा होगी
हाथ की घड़ी
पाव का पहिया
सिख लो अब तो चलना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
अब तो सबको अपना
अपना पड़ेगा बॉज़ उठना
खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
ओये खोल के आँखे चलो
सेठ जी बदल गया है ज़माना
खोल के आँखे चलो

Trivia about the song Kholke Ankhen Chalo Seth Ji by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kholke Ankhen Chalo Seth Ji” by Mohammed Rafi?
The song “Kholke Ankhen Chalo Seth Ji” by Mohammed Rafi was composed by R D Burman, Rajinder Krishnan.

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