Khuli Palak Mein Jhoota Gussa

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

ज़रा ठहरो
ज़रा ठहरो
सदा मेरे दिल की
ज़रा सुनते जाना
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा
बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल
आँखों में इक़रार की झलकी
होंठों पे इनकार
जीना भी मुश्किल होए
मरना भी मुश्किल

जिस दिन से देखा तुमको
तुम लगे मुझे अपने से
और आके रहे आँखों में हाय
और आके रहे आँखों में
एक मनचाहे सपने से
समझ न आए
क्या जीता मैं और गया क्या हार
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा
बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल हाय
मरना भी मुश्किल

तुम प्यार छुपाके हारे
मैं प्यार जताके हारा
अब तो सारी दुनिया पे हाय
अब तो सारी दुनिया पे
ज़ाहिर है हाल हमारा
पहुँचके इस मंज़िल पे
लौटना अब तो है दुश्वार
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा
बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल हाय
मरना भी मुश्किल

इसे मेरी बात ना समझो
क्या बनता है बात बनाके
कुछ कहना था मेरे दिल का हाय
कुछ कहना था मेरे दिल का
जाता हूँ वही दोहराके
ना हो यक़ीं तो पढ़कर
देखो आँखों में एक बार
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल
खुली पलक में झूठा ग़ुस्सा
बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल
आँखों में इक़रार की झलकी
होंठों पे इनकार
जीना भी मुश्किल हाय
मरना भी मुश्किल
जीना भी मुश्किल
मरना भी मुश्किल

Trivia about the song Khuli Palak Mein Jhoota Gussa by Mohammed Rafi

Who composed the song “Khuli Palak Mein Jhoota Gussa” by Mohammed Rafi?
The song “Khuli Palak Mein Jhoota Gussa” by Mohammed Rafi was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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