Kisi Aasman Pe

GULZAR, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
जहाँ पे ज़मीं आसमां छू रही है
वही जा रहा हु वहा जा रहा हु
वही जा रहा हु वहा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा

कई बार देखी है सिंदूरी शाम
कई बार देखी है सिंदूरी शाम
उफत से परे जगमगाती हुई
कई बार खामोशियो में सुना है
गुजरती है मुझको बुलाती हुई
गुजरती है मुझको बुलाती हुई
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा

बहुत बार सोचा ये सिन्दूरी रोगं
बहुत बार सोचा ये सिन्दूरी रोगं
जहाँ पे खड़ा हूँ वही पे बिछा दू
ये सूरज के झर्रे ज़मी पे मिले तो
एक और आसमा मैं ज़मीं पे बिछा दू
एक और आसमा मैं ज़मीं पे बिछा दू
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा

Trivia about the song Kisi Aasman Pe by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kisi Aasman Pe” by Mohammed Rafi?
The song “Kisi Aasman Pe” by Mohammed Rafi was composed by GULZAR, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH.

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