Kisi Ka Maa Na Mare Bachpan Mein

Indra Pt, S Mohinder

मा ना मारे, बचपन मे
किसी की मा ना मारे
मा ना मारे, बचपन मे
किसी की मा ना मारे

तुम बिन प्यार से, ओ मेरी मैया
कौन कहे मुझे, कुंवर कन्हैया
कैसे भूलु ममता तेरी
धूप में थी तू, छाया मेरी
फूल तेरे अब, धूल भरे
मा फूल तेरे अब, धूल भरे

मा ना मारे, बचपन मे
किसी की मा ना मारे

देवकी नंदन, यशोदा के प्यारे
रंग तुम्हारे, सबसे नायरे
दो दो मैया, तुमको प्यारी
इसकी तो थी एक बेचारी
निस दिन नैनो नीर झरे
हाए निस दिन नैनो नीर झरे
मा ना मारे, बचपन मे
किसी की मा ना मारे

देता अब ना कोई दिलासा
भूखा सोया हू, या प्यासा
तू ही थी मा, एक ही आशा
अब जीवन में च्चाई निराशा
जियरा कैसे धीर धरे
मा जियरा कैसे धीर धरे

मा ना मारे, बचपन मे
किसी की मा ना मारे

Trivia about the song Kisi Ka Maa Na Mare Bachpan Mein by Mohammed Rafi

Who composed the song “Kisi Ka Maa Na Mare Bachpan Mein” by Mohammed Rafi?
The song “Kisi Ka Maa Na Mare Bachpan Mein” by Mohammed Rafi was composed by Indra Pt, S Mohinder.

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