Likhe Jo Khat Tujhe [Lofi Reverb]

Neeraj, Shankar-Jaikishan

कोई नग़मा कही गूँजा कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई मैं ये समझा तू शरमाई
कोई खुशबू कहीं बिखरी लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

फ़िज़ा रंगीं अदा रंगीं ये इठालाना ये शरमाना
ये अंगड़ाई ये तनहाई ये तरसाकर चले जाना
बना देगा नहीं किस को जवाँ जादू ये दीवाना
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

जहाँ तू है वहाँ मैं हूँ मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफ़िर मैं तू मंज़िल है मैं प्यासा हूँ तू सावन है
मेरी दुनियाँ ये नज़रे हैं मेरी जन्नत ये दामन है
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

Trivia about the song Likhe Jo Khat Tujhe [Lofi Reverb] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Likhe Jo Khat Tujhe [Lofi Reverb]” by Mohammed Rafi?
The song “Likhe Jo Khat Tujhe [Lofi Reverb]” by Mohammed Rafi was composed by Neeraj, Shankar-Jaikishan.

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