Maa Tujhe Dhundun Kahan

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

माँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
मैंने ममता को पहचाना
मैं बच्चों के दर्द को जाना
तुझको खो कर माँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ माँ
माँ

माँ एक जैसी होती है
बच्चे एक जैसे होते हैं
माँ एक जैसी होती है
बच्चे एक जैसे होते हैं
चोट लगे तोह इंसानो की
तरह पशु भी रोते हैं
बिछड़े हुवो को मैंने मिलाया
मैंने अपना कर्ज चुकाया
तुझको खो कर माँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ माँ
माँ

तू सच कहती थी किसी की
बद दुवा लग जाती है
तू सच कहती थी किसी की
बद दुवा लग जाती है
अपनी ही बंदूक से गोली
खुद पे भी चल जाती है
मैंने कैसा खेल यह
खेला रो बैठा आज अकेला
तुझको खो कर माँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ माँ
मैंने ममता को पहचाना
मैं बच्चों के दर्द को जाना
तुझको खो कर माँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ
माँ तुझे धुंडु कहाँ माँ

Trivia about the song Maa Tujhe Dhundun Kahan by Mohammed Rafi

Who composed the song “Maa Tujhe Dhundun Kahan” by Mohammed Rafi?
The song “Maa Tujhe Dhundun Kahan” by Mohammed Rafi was composed by ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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