मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने

Shakil Badayuni

मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने तुझसे किया है प्यार
मैने तुझसे किया है प्यार
मेरी नज़र की धूप न भरती रूप तो होता हुस्न तेरा बेकार
मैने तुझसे किया है प्यार
मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने तुझसे किया है प्यार
मैने तुझसे किया है प्यार

उलफ़त न सही नफ़रत ही सही
ओह ओ ओह ओ
उलफ़त न सही नफ़रत ही सही इस को भी मुहब्बत कहते हैं
तू लाख छुपाए भेद मगर हम दिल में समाए रहते हैं
तेरे भी दिल में आग उठी है जाग ज़बां से चाहे न कर इक़रार
मैने तुझसे किया है प्यार
मेरी नज़र की धूप न भरती रूप तो होता हुस्न तेरा बेकार
मैने तुझसे किया है प्यार

अपना न बना लूँ तुझको अगर
ओह ओ ओह ओ
अपना न बना लूँ तुझको अगर
इक रोज़ तो मेरा नाम नहीं
पत्थर का जिगर पानी कर दूँ ये तो कोई मुश्किल काम नहीं
छोड़ दे अब ये खेल तू कर ले मेल मेरे संग मान ले अपनी हार
मैने तुझसे किया है प्यार
मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने तुझसे किया है प्यार
मैने तुझसे किया है प्यार

Trivia about the song मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने by Mohammed Rafi

Who composed the song “मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने” by Mohammed Rafi?
The song “मान मेरा अहसान अरे नादान के मैने” by Mohammed Rafi was composed by Shakil Badayuni.

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