Main Ne Peena Sikh Liya

Bharat Vyas, Vasant Desai

मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया
पाप कहो या पुण्य कहो
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया

एक छवि थी लाखों में आन बसी इन आँखों में
एक कली मुस्काई थी मन भँवरे को भायी थी
एक दिन प्यार का फूल खिला मेरे सुर को गीत मिला
पर किस्मत लायी रंग नए सुर छूटे और गीत गए
बिच भँवर तूने छोड़ा भरे प्रेम में मुंह मोड़ा
प्यार पे ऐसा वार किया
उफ़ जीना उफ़ जीना दुश्वार किया
अब शराब ने साथ दिया
तोह तुझ बिन जीना सिख लिया
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया

लोग कहे क्यों हा हा हा
लोग कहे क्यों पीते हो
मन कहता क्यों जीते हो
जीने की कोई चाह नहीं
मरने की कोई राह नहीं
जीवन है जब रोग यहाँ
बोलो इसकी दवा कहाँ
प्यार के जान ना पीते हम
खोकर होश ना पाते गम
हमने मंजिल ढुंढी
थी लेकिन किस्मत रूठी थी
राह में साथी हाय
राह में साथी छूट गया
ठेस लगी दिल टूट गया
अब तोह इसी नशे के
धागों से दिल सीना सिख लिया
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया
अरे पाप कहो या पुण्य कहो
मैंने पीना सीख लिया
मैंने पीना सीख लिया

Trivia about the song Main Ne Peena Sikh Liya by Mohammed Rafi

Who composed the song “Main Ne Peena Sikh Liya” by Mohammed Rafi?
The song “Main Ne Peena Sikh Liya” by Mohammed Rafi was composed by Bharat Vyas, Vasant Desai.

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