Main Ne Shayad Tumhen Pehle Bhi

ROSHAN, SAHIR LUDHIANVI

मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
मैं ने शायद तुम्हें
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
मैं ने शायद तुम्हें

अजनबी सी हो मगर गैर नहीं लगती हो
वहम से भी जो हो नाज़ुक वो यकीं लगती हो
हाय ये फूल सा चेहरा ये घनेरी ज़ुल्फ़ें
मेरे शेरों से भी तुम मुझको हंसीं लगती हो
मैं ने शायद तुम्हें

देखकर तुमको किसी रात की याद आती है
एक ख़ामोश मुलाक़ात की याद आती है
जहाँ में हुस्न की ठंडक का असर जगता है
आंच देती हुई बरसात की याद आती है
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
मैं ने शायद तुम्हें

जिसकी पलकें मेरी आँखों पे झुकी रहती हैं
तुम वही मेरे ख़यालों की परी हो की नहीं
कहीं पहले की तरह फिर तो न खो जाओगी
जो हमेशा के लिये हो वो खुशी हो की नहीं
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
मैं ने शायद तुम्हें

Trivia about the song Main Ne Shayad Tumhen Pehle Bhi by Mohammed Rafi

Who composed the song “Main Ne Shayad Tumhen Pehle Bhi” by Mohammed Rafi?
The song “Main Ne Shayad Tumhen Pehle Bhi” by Mohammed Rafi was composed by ROSHAN, SAHIR LUDHIANVI.

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