Main Nigahen Tere Chehre Se

Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan

मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
मैं निगाहें

छा रही थी तेरी महकी हुई ज़ुल्फ़ों की घटा
तेरी आँखों
तेरी आँखों ने पिला दी तो मैं पीता ही गया
तौबा तौबा, तौबा तौबा, तौबा तौबा
वो नशा है के बताऊँ कैसे
मैं निगाहें

मेरी आँखों में गिले-शिकवे हैं और प्यार भी है
आरज़ुएँ
आरज़ुएँ भी हैं और हसरत-ए-दीदार भी
इतने तूफां इतने तूफां
इतने तूफां मैं आँखों में छुपाऊँ कैसे
मैं निगाहें

शोख़ नज़रें ये शरारत से न बाज़ आएँगी
कभी रूठेंगी
कभी रूठेंगी कभी मिल के पलट जाएँगी
तुझसे निभ जाएगी तुझसे निभ जाएगी
तुझसे निभ जाएगी, मैं इनसे निभाऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
मैं निगाहें

Trivia about the song Main Nigahen Tere Chehre Se by Mohammed Rafi

Who composed the song “Main Nigahen Tere Chehre Se” by Mohammed Rafi?
The song “Main Nigahen Tere Chehre Se” by Mohammed Rafi was composed by Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan.

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