Main Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

उम्मीद के दिये बुझे दिल में है अंधेरा
उम्मीद के दिये बुझे दिल में है अंधेरा
जीवन का तो साथी न बना कोई भी मेरा
जीवन का तो साथी न बना कोई भी मेरा
फिर किसके लिये
फिर किसके लिये आज मैं जीता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना
रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना
क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी न जाना
क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी न जाना
ख़ामोश
ख़ामोश मोहब्बत लिये फिरता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

आई न मुझे रास मोहब्बत की फिज़ायें
आई न मुझे रास मोहब्बत की फिज़ायें
शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएं
शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएं
लहरों में सदा
लहरों में सदा ग़म को बहता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

Trivia about the song Main Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha by Mohammed Rafi

Who composed the song “Main Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha” by Mohammed Rafi?
The song “Main Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha” by Mohammed Rafi was composed by JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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