Maine Kaha Suno Zara

Aziz Kashmiri

हो मैंने कहा
क्या
हो सुनो ज़रा
क्यूँ

मैंने कहा सुनो ज़रा
आँखों ने तुमको प्यार किया
जाने अच्छा किया या बुरा किया हो

सुनो सैंय्या
बोलो
छोडो बैंय्या
हाय हाय

सुनो सैंय्या छोडो बैंय्या
हमने तेरा ऐतबार किया
जाने अच्छा किया या बुरा किया हो

मैंने कहा हो सुनो ज़रा

ये कहानी है मेरी
तुम को क्यूँ हम सुनाएँ
हो ओ ओ ये कहानी है मेरी
तुम को क्यूँ हम सुनाएँ

हो ओ ओ चुप भी तुम रह गए जो
कह देंगी ये निगाहें
हो ओ ओ चुप भी तुम रह गए जो

नहीं गवारा साथ तुम्हारा
तुम से हूँ खफा

मैंने कहा सुनो ज़रा
आँखों ने तुमको प्यार किया
जाने अच्छा किया या बुरा किया है

सुनो सैंय्या
छोडो बैंय्या

बेखबर यूं बनो न
छीन के दिल हमारा
बेखबर यूं बनो न
छीन के दिल हमारा

आह आ प्यार में जो भी डूबा
न मिला उसे किनारे
हो प्यार में जो भी डूबा
ना मिला उसे किनारा

छोड़ बहाने दिल नहीं माने
पास ज़रा तू आ

सुनो सैंय्या
बोलो
छोडो बैंय्या
हाय

हमने तेरा ऐतबार किया
जाने अच्छा किया या बुरा किया हो
मैंने कहा
क्या

सुनो ज़रा
आँखों ने तुमको प्यार किया
जाने अच्छा किया या बुरा किया है

सुनो सैंय्या
छोडो बैंय्या

हो मैंने कहा
क्या
सुनो ज़रा

सुनो सैंय्या
छोडो बैंय्या

मैंने कहा
क्या
सुनो ज़रा

सुनो सैंय्या
छोडो बैंय्या

Trivia about the song Maine Kaha Suno Zara by Mohammed Rafi

Who composed the song “Maine Kaha Suno Zara” by Mohammed Rafi?
The song “Maine Kaha Suno Zara” by Mohammed Rafi was composed by Aziz Kashmiri.

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