Manzil Ki Chah Mein

S D Burman, Sahir Ludhianvi

राही ओ ओ ओ राही

मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते
मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते, हम्म हम्म

कही घनी छाँव है कही कड़ी धूप है (हम्म हम्म)

मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते

ये भी एक रुप है वो भी एक रूप है (हम्म हम्म)

मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते

कई यहाँ खोयेंगे कई यहाँ पायेंगे (हम्म हम्म)
राही कई अभी जायेंगे कई अभी आयेगे (हम्म हम्म)
ओ ओ ओ राही
कई अभी जायेंगे कई अभी आयेंगे
मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते

मंज़िल की चाह मे राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते

मंजिल की चाह मे राही के वास्ते (राही)
सुख के भी रास्ते दुख के भी रास्ते (ओ राही)
मंजिल की चाह मे राही के वास्ते
मंजिल की चाह मे राही के वास्ते(ओ राही)

Trivia about the song Manzil Ki Chah Mein by Mohammed Rafi

Who composed the song “Manzil Ki Chah Mein” by Mohammed Rafi?
The song “Manzil Ki Chah Mein” by Mohammed Rafi was composed by S D Burman, Sahir Ludhianvi.

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