Mil Gaya Taqdir Se Chashma Yaha
Shakeel Badayuni
आज से सैकडो वर्ष पहले
अरब के लोगो सरघाहो की
तलाश में कबीला दर कबीला फिरा करते थे
मिल गया तक़दीर से चश्मा यहाँ
है मगन है दो अरब के खानदान
इक कबिला इक आमरी एक सरवरि
दोनों सरदारो के कायम अफसरी
आमरिका कैस बागै जिंदगी
लैला सरवर का चरावे जिंदगी
मिल के रहते थे ये दोनों करवा
एक बहुत छोटा सा मक्तब था यहाँ
कैसे औ लैला जिसमे पढ़ते थे मुदाम
कैसे लिखता रहता था लैला का नाम
लैला का नाम
लैला का नाम