Mile Na Phool To Kanton Se Dosti

Roshan, Azmi Kaifi

मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली
इसी तरह से बसर
इसी तरह से बसर हमने ज़िंदगी कर ली
मिले न फूल

अब आगे जो भी हो अंजाम, देखा जाएगा
अब आगे जो भी हो अंजाम, देखा जाएगा
ख़ुदा तलाश लिया
ख़ुदा तलाश लिया और बंदगी कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली

नज़र मिली भी न थी और उनको देख लिया
नज़र मिली भी न थी और उनको देख लिया
ज़बां खुली भी न थी
ज़बां खुली भी न थी और बात भी कर ली
मिले न फूल

वो जिनको प्यार है चांदी से, इश्क़ सोने से
वो जिनको प्यार है चांदी से, इश्क़ सोने से
वही कहेंगे कभी
वही कहेंगे कभी हमने ख़ुदकशी कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली
इसी तरह से बसर हमने ज़िंदगी कर ली
मिले न फूल

Trivia about the song Mile Na Phool To Kanton Se Dosti by Mohammed Rafi

Who composed the song “Mile Na Phool To Kanton Se Dosti” by Mohammed Rafi?
The song “Mile Na Phool To Kanton Se Dosti” by Mohammed Rafi was composed by Roshan, Azmi Kaifi.

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