Milti Hai Agar Nazron Se Nazar

O P Nayyar, Raja Mehdi Ali Khan

मिलती है अगर नज़रो से अगर
शरमाते हो क्यों
ह्म्म्म
अजी मैंने कहा
दुनिया का है डर नज़रों से
नज़र टकराते हो क्यों
होय
अजी मैंने कहा
मिलती है अगर नज़रो से नज़र
शरमाते हो क्यों
आहा
अजी मैंने कहा
दुनिया का है डर नज़रों से
नज़र टकराते हो क्यों
हाय हाय
अजी मैंने कहा

मिलते ही निगाहें दीवाने
क्यों मचल गया दिल तेरा है
बस ये समझो इक भवरे ने
तुम्हे फूल समझकर गहरा है
हूँ फूल अगर भवरा बनाकर
तरसते हो क्यों क्यों अजी मैंने कहा
दुनिया का है डर नज़रों से
नज़र टकराते हो
क्यों क्यों अजी मैंने कहा

जाओ जी हम नहीं दिल देते
हम देखेंगे क्या कर लोगे
ये अच्छी तरह हम जान गए
तुम कोई बहाना कर लोगे
देखो देखो मुझे
लड़की समझ बहकाते
हो क्यों क्यों अजी मैंने कहा
दुनिया का है डर नज़रों से
नज़र टकराते हो क्यों
क्यों अजी मैंने कहा

जाओ जाओ आगे जाओ हमें
तुम जैसों से क्या लेना
अजी हम भी तुमसे बाज आये
न दिल लेना न दिल देना
फिर बन ठन के उस लड़की
के पास आते यु क्यों
क्यों अजी मैंने कहा
दुनिया का है डर नज़रों से
नज़र टकराते हो क्यों
क्यों अजी मैंने कहा
मिलती है अगर नज़रो से अगर
शरमाते हो क्यों अजी मैंने कहा

Trivia about the song Milti Hai Agar Nazron Se Nazar by Mohammed Rafi

Who composed the song “Milti Hai Agar Nazron Se Nazar” by Mohammed Rafi?
The song “Milti Hai Agar Nazron Se Nazar” by Mohammed Rafi was composed by O P Nayyar, Raja Mehdi Ali Khan.

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