Mohabbat Isko Kahte Hain

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

बिन देखे और बिन पहचाने
तुम पर हम कुर्बान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है
बिन देखे और बिन पहचाने
तुम पर हम कुर्बान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है
गर तुम पर न मरते
तो जीना था आसान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है

चाहत के संदेशे
लेकर आती है शाम
अगर तुम भी आ जाते
तो आ जाता आराम
चाहत के संदेशे
लेकर आती है शाम
अगर तुम भी आ जाते
तो आ जाता आराम
दिल की बस्ती बस ही जाती
मेरी हर धड़कन ये जाति
तुम आते तो मुझपर होता
कितना बड़ा एहसान
बिन देखे और बिन पहचाने
तुम पर हम कुर्बान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है
गर तुम पर न मरते
तो जीना था आसान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है

बेकल मेरे अरमान
बेकल है मेरा प्यार
कबसे में करता हु
तुम्हारा इंतज़ार
बेकल मेरे अरमान
बेकल है मेरा प्यार
कबसे में करता हु
तुम्हारा इंतज़ार
कबसे मेरी बाहें सुनि
जीवन की ये राहे सुनि
तुम बिन कैसे पूरे होंगे
दिल में बसे अरमां
बिन देखे और बिन पहचाने
तुम पर हम कुर्बान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है
गर तुम पर न मरते
तो जीना था आसान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है
बिन देखे और बिन पहचाने
तुम पर हम कुर्बान
मोहब्बत इसको कहते है
मोहब्बत इसको कहते है

Trivia about the song Mohabbat Isko Kahte Hain by Mohammed Rafi

Who composed the song “Mohabbat Isko Kahte Hain” by Mohammed Rafi?
The song “Mohabbat Isko Kahte Hain” by Mohammed Rafi was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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