Na Mukhda Mod Ke Jao

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

न मोड़ के जाओ बहारो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
ओ हो हो ओ हो हो
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहारो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
ओ हो हो ओ हो हो
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहारो के दिन है

जवानी आग का तूफा है सह न पाओगी
जवानी आग का तूफा है सह न पाओगी
बिना हमारे अकेली भी रह न पाओगी
बिना हमारे अकेली भी रह न पाओगी
हमें सहारा बनाओ बहारो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
ओ हो हो ओ हो हो
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहारो के दिन है

जनम जनम का ये साथी
तुम्ही पे मरता है
जनम जनम का ये साथी
तुम्ही पे मरता है
हर एक साँस में तुमको ही
याद करता है
हर एक साँस में तुमको ही
याद रखता है
हमें न दिल से भुलाओ बहारो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
आ हा हा आ हा हा
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहारो के दिन है

मेरी दुआ है सलामत तेरा सबाब रहे
मेरी दुआ है सलामत तेरा सबाब रहे
कोई रहे न रहे तू तो आबाद रहे
कोई रहे न रहे तू तो आबाद रहे
जरा तो होश में आओ बहारो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
ओ हो हो ओ हो हो
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहरो के दिन है
हमें गले से लगाओ बहारो के दिन है
ओ हो हो ओ हो हो
न मुखड़ा मोड़ के जाओ बहारो के दिन है

Trivia about the song Na Mukhda Mod Ke Jao by Mohammed Rafi

Who composed the song “Na Mukhda Mod Ke Jao” by Mohammed Rafi?
The song “Na Mukhda Mod Ke Jao” by Mohammed Rafi was composed by Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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