Ni Sultana Re [Classic Revival]

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ

ओ ओ ओ ओ ओ
ह्म ह्म ह्म

ओ नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया
ओ नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया
अरे हाय रे हरी-हरी छाया
बोलो न बोलो मुख से गोरी चूड़ी तुम्हरी बोले
यही बतियाँ सुन-सुन के जिया मेरा डोले
ओ नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया

बलम बबुआ बेदर्दी सावन आया आजा
बलम बबुआ बेदर्दी सावन आया आजा
मिल जाए मोरे सैंया जब तेरी बैंया फिर घनी छैंया
मैं मचल के गाऊँ
सुन जा करूँ बैना जब मिले चैना तब हँसे नैना
जब तुझे मैं पाऊँ
पिया मोरा जिया तुझी से लागा
हो जिए कोई कैसे आ यही बता जा
हाँ हाँ बलम बबुआ बेदर्दी सावन आया आजा
सावन आया आजा सावन आया आजा

ओ नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया
अरे हाय रे हरी-हरी छाया
बोलो न बोलो मुख से गोरी चूड़ी तुम्हरी बोले
यही बतियाँ सुन-सुन के जिया मेरा डोले
ओ नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया

ओ बलम बबुआ बेदर्दी सावन आया आजा
सावन आया आजा सावन आया आजा

ओ नी सुल्ताना रे नी सुल्ताना रे नी सुल्ताना रे

Trivia about the song Ni Sultana Re [Classic Revival] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Ni Sultana Re [Classic Revival]” by Mohammed Rafi?
The song “Ni Sultana Re [Classic Revival]” by Mohammed Rafi was composed by Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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