O Aasmaan Wale Apni Dharti Ke Dukhde

Bharat Vyas

हो ओ ओ आसमान वाले

हो ओ ओ आसमान वाले अपनी
धरती के दुखड़े ज़रा देख ले
कोई हँसता है कोई रोता है
कोई जाग रहा कोई सोता है
ओ आसमान वाले

इस दुनिया में सुख दुःख तूने
नहीं बराबर बांटे
नहीं बराबर बांटे
एक खिलाया फूल तो तन में
सौ सौ चुभोये काँटे
सौ सौ चुभोये काँटे
हो ओ ओ आसमान वाले
अपनी धरती के दुखड़े ज़रा देख ले
कोई हँसता है कोई रोता है
कोई जाग रहा कोई सोता है
हो ओ ओ आसमान वाले

दुखियारों का कोई ना साथी
किस्मत करे ठिठोली
कही दिवाली झगमग करती
कही सुलगती होली
देख लिया इन्साफ यह तेरा
वाह रे जुल्मी ज़माने
एक हसी के पीछे पड़ते
सौ सौ आँशु बहाने
सौ सौ आँशु बहाने
हो ओ ओ आसमान वाले
अपनी धरती के दुखड़े ज़रा देख ले
कोई हँसता है कोई रोता है
कोई जाग रहा कोई सोता है
हो ओ ओ आसमान वाले

Trivia about the song O Aasmaan Wale Apni Dharti Ke Dukhde by Mohammed Rafi

Who composed the song “O Aasmaan Wale Apni Dharti Ke Dukhde” by Mohammed Rafi?
The song “O Aasmaan Wale Apni Dharti Ke Dukhde” by Mohammed Rafi was composed by Bharat Vyas.

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