Raj Kaj Se Kya Lena

Bharat Vyas

राज काज से क्या लेना
जब मन में हुआ उजाला
हमे बुलाये आज हमारा
मोहन मुरली वाला
महलों से प्यार नहीं
जग की दरकार नहीं
हम तो है चाकर
अपने ठाकुर के

ो महलो से प्यार नहीं
जग की दरकार नहीं
हम तो है चाकर
अपने ठाकुर के

हरी नाम का हीरा मिला रे
मोहन नाम का मोती
हरी नाम का हीरा मिला रे
मोहन नाम का मोती

प्रभु चरण में चित लगा तो
प्रभु चरण में चित लगा तो
खुल गयी नैन की ज्योति रे

अपना घरबार नहीं
दूजा कोई दवार नहीं
हम तो है चाकर
अपने ठाकुर के

ो महलो से प्यार नहीं
जग की दरकार नहीं
हम तो है चाकर
अपने ठाकुर के

भक्ति भावना की है जाके
छतर भजन का साजे
भक्ति भावना की है जाके छतर भजन का साजे
मेरे मन के वृन्दावन में
मेरे मन के वृन्दावन में
मेरा शयाम बिराजै रे

हीरों के हार नहीं
सर पे सिंगार नहीं
हम तो है चाहकर
अपने ठाकुर के

ो महलो से प्यार नहीं
जग की दरकार नहीं
हम तो है चाकर
अपने ठाकुर के

Trivia about the song Raj Kaj Se Kya Lena by Mohammed Rafi

Who composed the song “Raj Kaj Se Kya Lena” by Mohammed Rafi?
The song “Raj Kaj Se Kya Lena” by Mohammed Rafi was composed by Bharat Vyas.

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