Rekha O Rekha Jabse Tumhen Dekha

PANT RAMESH, RAHUL DEV BURMAN

रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
खाना पीना सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया
हाये रेखा ओ रेखा जबसे तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा जबसे तुम्हें देखा
खाना पीना सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

तुमसे दिल क्या लगाया है
तुमको क़ातिल बनाया है
अरे तुमसे दिल क्या लगाया है
तुमको क़ातिल बनाया है
दिन रात जलाती हो दीवाना बनाती हो
दिन रात जलाती हो दीवाना बनाती हो
अरे मेरा भी एक दिन ज़रूर आएगा
होय होय होय रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
खाना पीना सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

काफी महंगा ये प्यार है
शादी का इंतज़ार है
अरे काफी महंगा ये प्यार है
शादी का इंतज़ार है
मालिक पे भरोसा है
मैंने तो ये सोचा है
मालिक पे भरोसा है
मैंने तो ये सोचा है
अरे मेहनत जो की है
तो फल भी मिलेगा
होय होय होय रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
खाना पीना सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया
हाये रेखा ओ रेखा जबसे तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा जब से तुम्हें देखा
खाना पीना सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

Trivia about the song Rekha O Rekha Jabse Tumhen Dekha by Mohammed Rafi

Who composed the song “Rekha O Rekha Jabse Tumhen Dekha” by Mohammed Rafi?
The song “Rekha O Rekha Jabse Tumhen Dekha” by Mohammed Rafi was composed by PANT RAMESH, RAHUL DEV BURMAN.

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