Saath Ham Tum Chale The

Vishweshwar Sharma

आ आ आ आ आ आ आ आ हो हो हो

साथ हम तुम चले थे यही तो कही
साथ हम तुम चले थे यही तो कही
ज़िन्दगी से मिले थे यही तो कही
साथ हम तुम चले थे यही तो कही

एक नशे मन बनाया था
हमने कभी एक नशे मन
एक नशे मन बनाया था हमने कभी
गुलसिता को सजाया था हमनें कभी
क्या सवेरे खिले थे
हो क्या सवेरे खिले थे यही तो कही
ज़िन्दगी से मिले थे यही तो कही
साथ हम तुम चले थे यही तो कही

आँखों आँखों में जागे कई
ख्वाब थे आँखों आँखों में
आँखों आँखों में जागे कई ख्वाब थे
क्या उम्मीदें थी जैसे के सैलाब थे
दिन गुलाबी वाले थे
हो दिन गुलाबी वाले थे यही तो कही
ज़िन्दगी से मिले थे यही तो कही
साथ हम तुम चले थे आ आ आ आ
ज़िन्दगी से मिले थे आ आ आ आ
साथ हम तुम चले थे

Trivia about the song Saath Ham Tum Chale The by Mohammed Rafi

Who composed the song “Saath Ham Tum Chale The” by Mohammed Rafi?
The song “Saath Ham Tum Chale The” by Mohammed Rafi was composed by Vishweshwar Sharma.

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