Sakia Aesi Pila De

Sudarshan, Dablish Viren

जाम चलने को है
सब पहले नज़र बैठे है आँखे चुराना न साफ़ी
हम भी इधर बैठे है
साकिया ऐसी पिला दे
हम को दीवाना बना दे हम नशे में चूर हो कर
अपने सारे ग़म भुला दे हम नशे में चूर हो कर
अपने सारे ग़म भुला दे साकिया ऐसी पिला दे

मैं शराबी हो तो क्या है
सारी दुनिया को नशा है
आँखों पर परदे पड़े है
आँखों पर परदे पड़े है
इस में क्या मेरी खता है
क्यों मुझि से है ख़फ़ा तू ख़फ़ा तू
क्यों मुझि से है ख़फ़ा तू
बस मुझे इतना बता दे
साकिया ऐसी पिला दे

मुझको बेगाना समज कर
एक दीवाना समझ कर
क्यों मुझे बे आबरू करते हो
परवाना समज कर
क्यों मुझे बे आबरू करते हो
परवाना समज कर
दर्द है मेरे भी दिल में हाय
दर्द है मेरे भी दिल में
कुछ तो इसकी भी दवा दे
साकिया ऐसी पिला दे

Trivia about the song Sakia Aesi Pila De by Mohammed Rafi

Who composed the song “Sakia Aesi Pila De” by Mohammed Rafi?
The song “Sakia Aesi Pila De” by Mohammed Rafi was composed by Sudarshan, Dablish Viren.

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