Sanam Tu Chal Diya Rasta

MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY

सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना
सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना
सनम तू चल दिया रास्ता

जाये का उजाड़ क्या ये संसार
ज़रा ये बतला दे हमसे
एल्लोरा अजन्ता कुतुबमिनार
खड़े है क्या तेरे दम से
जाये का उजाड़ क्या ये संसार
ज़रा ये बतला दे हमसे
एल्लोरा अजन्ता कुतुबमिनार
खड़े है क्या तेरे दम से
रहेगी वह दिल्ली रहेगा ये बम्बे
और कलकत्ता अजी सुना
सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना है
सनम तू चल दिया रास्ता

भूल न सकेगा दिल जो मेरा
सनम तुम्हारी बातों को
कभी कभी दीवानों की तरह
फिरुँगा उठ के रातो को
भूल न सकेगा दिल जो मेरा
सनम तुम्हारी बातों को
कभी कभी दीवानों की तरह
फिरुँगा उठ के रातो को
जिया चाहे तरसे पर बिस्तर से उठूँगा मैं हस के
सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना क्या
सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना है
सनम तू चल दिया रास्ता मेरे बिना
तो क्या मैं रह नहीं सकता तेरे बिना

Trivia about the song Sanam Tu Chal Diya Rasta by Mohammed Rafi

Who composed the song “Sanam Tu Chal Diya Rasta” by Mohammed Rafi?
The song “Sanam Tu Chal Diya Rasta” by Mohammed Rafi was composed by MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY.

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