Saqi Ke Har Nigah Pe

JIGAR MORADABADI, TAJ AHMAD

हो ओ ओ ओ ओ
साकी की हर निगाह पे बलखा के पी गया
लहरों से खेलता हुआ लहरा के पी गया
साकी की हर निगाह पे
ओ ओ ओ, ज़ाहिद ये मेरी शोखी रिंदा ना देखना
रिंदा ना देखना
रहमत को बातों बातों में बहला के पी गया
रहमत को बातों बातों में

ऐ रहमते तमाम मेरी हर खता माफ़
मेरी हर खता माफ़
मैं इन्तिहाँ ऐ शोक में घबरा के पी गया
मैं इन्तिहाँ ऐ शोक में

सर मस्ती ऐ अज़ल मुझे जब याद आ गयी
जब याद आ गयी
दुनिया ऐ ऐतबार को ठुकरा के पी गया
साकी की हर निगाह पे बलखा के पी गया
साकी की हर निगाह पे

Trivia about the song Saqi Ke Har Nigah Pe by Mohammed Rafi

Who composed the song “Saqi Ke Har Nigah Pe” by Mohammed Rafi?
The song “Saqi Ke Har Nigah Pe” by Mohammed Rafi was composed by JIGAR MORADABADI, TAJ AHMAD.

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