Sau Baar Banakar Malik Ne

Yogesh, Kamal Joshi, Usha Khanna

सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
दातों की जगेह पे मोती चुन चुन के लगाए होंगे
ज़ूलफे काली करने को बदली को जलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
दो नीलकमल नीलम सी आँखो मे खिलाए होंगे
अंगो मे चमक देने को चंदा को गलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

Trivia about the song Sau Baar Banakar Malik Ne by Mohammed Rafi

Who composed the song “Sau Baar Banakar Malik Ne” by Mohammed Rafi?
The song “Sau Baar Banakar Malik Ne” by Mohammed Rafi was composed by Yogesh, Kamal Joshi, Usha Khanna.

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