Shame Bahara Subhe Chaman

M K Javed

शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन

तुझसे नज़र मेरी टकरा गयी
तुझसे नज़र मेरी टकरा गयी
जन्नत बरू ये जमी आ गयी
दिल के अंधेरो मे फूटी किरण
दिल के अंधेरो मे फूटी किरण
शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
शामे बहरा सुबे चमन

दिल चिंटी है तेरी हर अदा
दिल चिंटी है तेरी हर अदा
मासूम शोकि मे डूबी हया
क्या सादगी है ये क्या बाग़पन
क्या सादगी है ये क्या बाग़पन
शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
शामे बहरा सुबे चमन

तेरे लिए कितना बेचैन था
तेरे लिए कितना बेचैन था
मुझ पर खुदा को तरस आ गया
काम आ गयी मेरे दिल की लगन
काम आ गयी मेरे दिल की लगन
शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
तू मेरे ख्वाबो की प्यारी दुल्हन
शामे बहरा सुबे चमन
शामे बहरा सुबे चमन

Trivia about the song Shame Bahara Subhe Chaman by Mohammed Rafi

Who composed the song “Shame Bahara Subhe Chaman” by Mohammed Rafi?
The song “Shame Bahara Subhe Chaman” by Mohammed Rafi was composed by M K Javed.

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