Sulag Rahi Hai Husn Ki Sigdi

Madhuraj

सुलग रही है हुस्न की सिगदी
आजा पकाए प्रेम की खिचड़ी
खाएँगे बैठकर राजा रानी
फिर नैनो की झगड़ा झगड़ी
दे पछाड़ धम धम धम
दे पछाड़ धम धम धम
दे पछाड़ दे पछाड़ दे पछाड़
दे पछाड़ धम धम धम
दे पछाड़ धम धम धम

खुली है खिड़की कहा है मीना
ताक झांक के मर गए नैना
खुली है खिड़की कहा है मीना
ताक झांक के मर गए नैना
कब तक सबर करे ये मजनू
आजा छम छम छम
कब तक सबर करे ये मजनू
आजा छम छम छम
दे पछाड़ दे पछाड़ दे
दे पछाड़ धम धम धम
आजा छम छम छम आजा छम छम छम

प्यार में तेरे उल्टा असर है
मैं बाहर हूँ तू भीतर है
प्यार में तेरे उल्टा असर है
मैं बाहर हूँ तू भीतर है
तेरे बाप के जूते खा कर
घुट गया मेरा दम
तेरे बाप के जूते खा कर
घुट गया मेरा दम
ही दे पछाड़ दे पछाड़ दे
दे पछाड़ धम धम धम
आजा छम्म छम्म चम्म
घुट गया मेरा दम
आजा छम्म छम्म चम्म
घुट गया मेरा दम

Trivia about the song Sulag Rahi Hai Husn Ki Sigdi by Mohammed Rafi

Who composed the song “Sulag Rahi Hai Husn Ki Sigdi” by Mohammed Rafi?
The song “Sulag Rahi Hai Husn Ki Sigdi” by Mohammed Rafi was composed by Madhuraj.

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