Tere Jaisa Kaun Hain
तेरे जैसा कौन है
तेरे जैसा कोई नहीं
तेरे जैसा कौन है
तेरे जैसा कोई नहीं
कैसे कैसे
फूल चमन में
लेकिन ऐसा कोई नहीं
तेरे जैसा कौन है
तेरे जैसा कोई नहीं
कलियों का जोबन परिओ का रूप
बादल की छाओ सूरज की धुप
शायर की ग़ज़लें शीशे के जाम
दिलकश बहारे रंगीन शाम
कैसे कैसे नाम है लब पे
लेकिन ऐसा कोई नहीं
तेरे जैसा कौन है
तेरे जैसा कोई नहीं
बागो में शबनम मशुर थी
वादे सबा भी मगरूर थी
जब तुझको देखा जाने बहार
कहने लगे सब तौबा है यार
कैसे कैसे हुस्न यहाँ है
लेकिन ऐसा कोई नहीं
तेरे जैसा कौन है