Tu Mera Raanjha Main Teri Heer
ओ रांझे आ
तू मेरा रांझा मैं तेरी हीर वे
तू मेरा रांझा मैं तेरी हीर वे
ओ चल अबके ले चल मुझको कश्मीर वे
ओ चल अबके ले चल मुझको कश्मीर वे
अच्छा
मैं तेरा रांझा तू मेरी हीर नि
मैं तेरा रांझा तू मेरी हीर नि
अरे चल खेतो मे दिखला दू कश्मीर नि
अरे चल खेतो मे दिखला दू कश्मीर नि
तेरे खेत मे रूप की चाँदी
कही पिघल ना जाए
सोने जैसी मेरी जवानी
धूप मे ढल ना जाए
अगर कश्मीर नही तो मुझको
ओर कही ले जा रे
जेठ महीने की गर्मी मे
जान निकल ना जाए
तू मेरा मजनू मैं तेरी लैला वे
तू मेरा मजनू मैं तेरी लैला वे
अरे चंडीगढ़ की सैर करा दे छैला वे
अरे चंडीगढ़ की सैर करा दे छैला वे
चंडीगढ़ मे क्या रखा
चल बाग की सैर करा दू
पगड़ी के पल्ले से तुझको
ठंडी ठंडी हवा दू
चंडीगढ़ कश्मीर है क्या
जो दिल की नज़र से देखे
अपनी आँखो मे तुझको
सारी दुनिया दिखला दू
तू मेरी शिरी मैं तेरा फरहाद नी
तू मेरी शिरी मैं तेरा फरहाद नी
अरी प्यार से अपने घर को कर आबाद नी
अरी प्यार से अपने घर को कर आबाद नी
ओ रांझे आ
चिकनी चुपड़ी बातो से
ना यू मुझको बहला रे
जान गयी तुझको मुझसे मत
झूठा प्यार जता रे
शिरी की खातिर फरहाद ने
डूब के नहर निकाली
तू किस बूते पे आशिक बनता है
ये बतला रे
तू मेरा पुन्नू मैं तेरी कश्ती वे
तू मेरा पुन्नू मैं तेरी कश्ती वे
अरे चल पिलवा दे अमृतसर की लस्सी वे
अरे चल पिलवा दे अमृतसर की लस्सी वे
अरे चल लस्सी का तू नाम जो लेगी
तो खाएगी डंडा
चल कुवे पे छलके पीला डू
पानी ठंडा ठंडा
तू खो गयी शहर मे
तुझ बिन हाल मेरा क्या होगा
कोई कुंवारा कहेगा मुझको
कोई कहेगा रंडा
तू मेरी सोहनी मैं तेरा महिवाल नी
तू मेरी सोहनी मैं तेरा महिवाल नी
अरी रह गाँव मे शहर का छोड़ ख़याल नी (नही)
अरी रह गाँव मे शहर का छोड़ ख़याल नी (नहीं बाबा )
अरी रह गाँव मे शहर का छोड़ ख़याल नी (अरे नहीं जाना )
अरी रह गाँव मे शहर