Tujhe Kya Sunaoon Main Dilruba

MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI

तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा
तेरे सामने मेरा हाल है
तेरी इक निगाह की बात है
मेरी ज़िंदगी का सवाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा

मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है
मेरी ज़िंदगी तेरे ग़म से है
मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है
मेरी ज़िंदगी तेरे ग़म से है
तेरे दर्द से रहे बेख़बर
मेरे दिल की कब ये मज़ाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा

तेरे हुस्न पर है मेरी नज़र
मुझे सुबह शाम की क्या ख़बर
तेरे हुस्न पर है मेरी नज़र
मुझे सुबह शाम की क्या ख़बर
मेरी शाम है तेरी जुस्तजू
मेरी सुबह तेरा ख़याल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा

मेरे दिल जिगर में समा भी जा
मेरे दिल जिगर में समा भी जा
रहे क्यों नज़र का भी फ़ासला
के तेरे बग़ैर ओ जान ए जां
मुझे ज़िंदगी भी मुहाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा
तेरे सामने मेरा हाल है
तेरी इक निगाह की बात है
मेरी ज़िंदगी का सवाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा

Trivia about the song Tujhe Kya Sunaoon Main Dilruba by Mohammed Rafi

Who composed the song “Tujhe Kya Sunaoon Main Dilruba” by Mohammed Rafi?
The song “Tujhe Kya Sunaoon Main Dilruba” by Mohammed Rafi was composed by MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI.

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