Tum Se Nahin Pehchaan Meri
तुम से नहीं पहचान मेरी
लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना
साथ रहा हो जैसे
तुम से नहीं पहचान मेरी
लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना
साथ रहा हो जैसे
तुझे देख के भूली बिसरी
तस्वीर उभर आती है
याद की धुंधली सी परछाई
दिल में उतर जाती है
दोनों को न याद रहा हो
हो सकता है ऐसे
पहले भी किसी युग में अपना
साथ रहा हो जैसे
तुझसे मेरा क्या नाता
जब समझ नहीं पाता हु
डूब के मैं गहराईओं में
ये सोचते रह जाता हु
इसी जन्म में तूने कोई
वचन लिए हो जैसे
पहले भी किसी युग में अपना
साथ रहा हो जैसे
तुमसे नहीं पहचान मेरी
लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना
साथ रहा हो जैसे