Tumhe Dekha Hai Maine [Revival]

ANAND BAKSHI, R D BURMAN

तुम्हे देखा है मैंने गुलसिता में
तुम्हे देखा है मैंने गुलसिता में
तुम्हे देखा है मैंने गुलसिता में
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में तुम्हे देखा है

कोई हो बात
कोई हो बात कोई हो फ़साना
तुम्हे ही याद करता है ज़माना
तुम्हारा ज़िक्र है हरदम मस्तानी में
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में
तुम्हे देखा है

सुकून इन से आ आ आ
सुकून इन से इन्ही से बेक़रारिया
खुदा के नाम से जुल्फें तुम्हारी
खुदाई कर रही है दो जान में
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में
तुम्हे देखा है

तुम्ही ही हो मेहरबान तुम ही सितमगर
बदल सकता है इस दिल का मुक्कदर
तुम्हारी एक न में एक हाँ में ही
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में
तुम्हे देखा है

क़यामत है क़यामत है दुहाई है खुदाया
किसीका दिल को दिल में है
बसाया के रख ली आज अपने आशियाने
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में
तुम्हे देखा है मैंने गुलसिता में
के जन्नत ढूंढ ली है इस जहां में
तुम्हे देखा है

Trivia about the song Tumhe Dekha Hai Maine [Revival] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Tumhe Dekha Hai Maine [Revival]” by Mohammed Rafi?
The song “Tumhe Dekha Hai Maine [Revival]” by Mohammed Rafi was composed by ANAND BAKSHI, R D BURMAN.

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