Tumhen Main Agar Apna Saathi

JAIKSHAN SHANKAR, S H BIHARI

तुम्हे मैं अगर अपना साथी बना लूँ
बता दो मेरा साथ दोगे कहाँ तक

ज़मीन से जहां आसमान मिल रहा है
न छोड़ेंगे दामन तुम्हारा वहाँ तक

तुम्हे मैं अगर अपना साथी बना लूँ
बता दो मेरा साथ दोगे कहाँ तक

ज़मीन से जहां आसमान मिल रहा है
न छोड़ेंगे दामन तुम्हारा वहाँ तक

यहां हर क़दम पर नयी दिलकशी है
कहाँ तक तुम्हारा भरोसा करूँ मैं
यहां हर क़दम पर नयी दिलकशी है
कहाँ तक तुम्हारा भरोसा करूँ मैं

दुआ है के बेनूर हो जाएँ आँखें
किसी और की जो तमन्ना करून मैं

तुम्हे मैं अगर अपना साथी बना लूँ
बता दो मेरा साथ दोगे कहाँ तक

ज़मीन से जहां आसमान मिल रहा है
न छोड़ेंगे दामन तुम्हारा वहाँ तक

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

सलामत हैं जब तक ये जुल्फों के साये
तो फिर किसको जन्नत का अरमान होगा
सलामत हैं जब तक ये जुल्फों के साये
तो फिर किसको जन्नत का अरमान होगा

तुम्हारे ही क़दमों में मरना हुआ
तो ये मरना मुझे कितना आसान होगा

तुम्हे मैं अगर अपना साथी बना लूँ
बता दो मेरा साथ दोगे कहाँ तक

ज़मीन से जहां आसमान मिल रहा है
न छोड़ेंगे दामन तुम्हारा वहाँ तक

तुम्हे मैं अगर अपना साथी बना लूँ
बता दो मेरा साथ दोगे कहाँ तक

ज़मीन से जहां आसमान मिल रहा है
न छोड़ेंगे दामन तुम्हारा वहाँ तक

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

Trivia about the song Tumhen Main Agar Apna Saathi by Mohammed Rafi

Who composed the song “Tumhen Main Agar Apna Saathi” by Mohammed Rafi?
The song “Tumhen Main Agar Apna Saathi” by Mohammed Rafi was composed by JAIKSHAN SHANKAR, S H BIHARI.

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