Ustadi Ustad Se

Raamlaxman, Ravinder Rawal

इश्क़ का जो दावा करते थे
साडी महफ़िल से कहते थे
इश्क़ का जो दावा करते थे
साडी महफ़िल से कहते थे
हुसैन का तोड़े गए गरूर वो
जाने फिर वो मेरे हजूर वो
क्यों नहीं आये यहाँ
हो चली है शब् जावा

नहीं अछि मोहतरमा
इस कदर भी बेसब्री
हम उस्ताद है वो जो
कभी हार न बाज़ी
मरद का यु उलझना वो भी औरत से तौबा
देख उस्ताद की नहीं है सां के बल
कौन असली है हैदर
कौन असली है कौन नकली है
कौन असली है हैदर है राज़ कैसे खुलेगा
असली हैडर है हम हैदराबाद
असली हैडर है हम हैदराबाद
नहीं चलेगी
नहीं चलेगी है
नहीं चलेगी
नहीं चलेगी है
उस्तादी उस्ताद से चुप
बाज़ी हैदर है हम घज़ीबद के
बाज़ी हैदर है हम घज़ीबद के
नहीं चलेगी
नहीं चलेगी है
नहीं चलेगी
नहीं चलेगी है
उस्तादी उस्ताद से
असली हैडर है हम हैदराबाद
बाज़ी हैदर है हम घज़ीबद के

हमसे ुलजः है जो वो हारा है
छोड़ दो जिद ये माल हमारा है
जान देदेगे जिद न छोड़ेगे
ओ माल हाथो से जाने न देगे
तू चीज़ की ये निपु मांग निचोडा तनु
डटी विच पा के लस्सी वंग बिलोवै तनु
सुनो घज़ीबाड़ी खुद को न समझो बाज़ी
अरे जा हैदराबादि उड़ा जाएगे बाज़ी
हा अगर ऐसा दावा है
तो फिर हम भी राज़ी
अरे बाच के रेय
टूटे न सीसा तकरा के फोलाद से
टूटे न सीसा तकरा के फोलाद से
अजी नहीं चलेगी
नहीं चलेगी है
उस्तादी उस्ताद से
असली हैडर है हम हैदराबाद
बाज़ी हैदर है हम घज़ीबद के

आ गए अपनी जान के दुसमन
लो बचाओ अब इनसे तुम दमन
छोड़ दे यार ये चीन चपाती
सोडा तय करले तू फिफ्टी फिफ्टी
हमारे हाथ से ये चीज़ न निकल जाये
कही न बाद में तेरी नीयत बदल जाये
छोड के दुस्मनी ये फैसला करलो आपस में
मई दिल दोनों को दूगी
कर दो दो टुकड़े दिल के
कहो फिर हैदर भाई
नहीं कोई बुराई
दोनों हैदर है फिर झाकड़े किस बात के
दोनों हैदर है फिर झाकड़े किस बात के
फिर भी नहीं चलेगी
हा हा नहीं चले गए
बिलकुल नहीं चलेगी
उस्तादी उस्ताद से

Trivia about the song Ustadi Ustad Se by Mohammed Rafi

Who composed the song “Ustadi Ustad Se” by Mohammed Rafi?
The song “Ustadi Ustad Se” by Mohammed Rafi was composed by Raamlaxman, Ravinder Rawal.

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