Woh Chale Jhatak Ke Daman

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

वो चले हाँ वो चले हाय
वो चले झटक के दामन
मेरी आरज़ू मिटा के मिटा के
वो चले हाँ वो चले हाय
वो चले झटक के दामन
मेरी आरज़ू मिटा के मिटा के
मेरा दिल वो ले गए हैं
मुझे राह में बिठा के बिठा के
वो चले

कोई उनसे इतना कह दे
मैं उन्हीं का हो चुका हूँ
मैं उन्हीं का हो चुका हूँ
कोई उनसे इतना कह दे
मैं उन्हीं का हो चुका हूँ
मैं उन्हीं का हो चुका हूँ
उन्हें क‌या मिलेगा आख़िर
मुझे इस तरह जला के जला के
वो चले हाँ वो चले हाय
वो चले झटक के दामन
मेरी आरज़ू मिटा के मिटा के
मेरा दिल वो ले गए हैं
मुझे राह में बिठा के बिठा के
वो चले

न बुझेगी बादलों से
न बुझेगी आँसुओं से
न बुझेगी आँसुओं से
न बुझेगी बादलों से
न बुझेगी आँसुओं से
न बुझेगी आँसुओं से
मेरे दिल की धड़कनों में गए
आग जो लगा के लगा के
वो चले हाँ वो चले हाय
वो चले झटक के दामन
मेरी आरज़ू मिटा के मिटा के
मेरा दिल वो ले गए हैं
मुझे राह में बिठा के बिठा के
वो चले

Trivia about the song Woh Chale Jhatak Ke Daman by Mohammed Rafi

Who composed the song “Woh Chale Jhatak Ke Daman” by Mohammed Rafi?
The song “Woh Chale Jhatak Ke Daman” by Mohammed Rafi was composed by JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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