Woh Hai Zara Khafa Khafa [Revival]

Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri

वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो

ना बोल दूँ तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं
के हो हो हो हो

हम्म हम्म म्म म्म म्म

हँस रही है चांदनी
मचल के रो ना दूँ कहीं
ऐसे कोई रूठता नहीं

ये तेरा ख़याल है
करीब आ मेरे हसीं
मुझको तुझसे कुछ गिला नहीं

बात यूँ बनाए हैं
के हो हो हो हो
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो हो

फूल को महक मिले
ये रात रंग में ढले
मुझसे तेरी जुल्फ गर खुले

तुम ही मेरे संग हो
गगन की छाँव के तले
ये रुत यूँ ही भोर तक चले

प्यार यूँ जताए हैं
के ओ हो हो हो हो
ना बोल दूँ तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं
के हो हो हो हो

ऐसे मत सताइए
ज़रा तरस तो खाइए
दिल की धड़कन मत जगाइए

कुछ नहीं कहूँगा मैं
ना अन्खड़ियाँ झुकाइए
सर को काँधे से उठाइये

ऐसे नींद आये है
म्म्म म्म म्म म म म

वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो हो

के हो हो हो हो (के हो हो हो हो)
वो हैं ज़रा खफा ख़फा (हो हो हो)
तो नैन यूँ चुराए हैं (हो हो हो)
के हो हो हो हो (ना बोल दूँ तो क्या करूँ)
के हो हो हो हो (वो हँस के यूँ बुलाए हैं)
के हो हो हो हो (के हो हो हो हो)

Trivia about the song Woh Hai Zara Khafa Khafa [Revival] by Mohammed Rafi

Who composed the song “Woh Hai Zara Khafa Khafa [Revival]” by Mohammed Rafi?
The song “Woh Hai Zara Khafa Khafa [Revival]” by Mohammed Rafi was composed by Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri.

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