Yeh Kaisi Deewar Hai Duniya

Majrooh Sultanpuri

ये कैसी दीवार है दुनिया
अपने नही मिल पाते है
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
दिल भी यहा बट्ट जाते है

ये कैसी दीवार है दुनिया
ये कैसी दीवार है दुनिया
अपने नही मिल पाते है
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
दिल भी यहा बट्ट जाते है
ये कैसी दीवार है दुनिया

रूठ गये है भाई भाई
घर का आंगन बाँट रहे है
रुठ गये है भाई भाई
घर का आंगन बाँट रहे है
कों कहे इन दीवानो से ओ हो ओ
कों कहे इन दीवानो से
माता का तन बाँट रहे है
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
दिल भी यहा बट्ट जाते है
ये कैसी दीवार है दुनिया

धूप चढ़ी नफरत की कैसी
तन से बिछड़ के छावं जुदा है
इन्सान खो बैठा है मंज़िल
इन्सान खो बैठा है मंज़िल
राह खफा है पाव जुदा हे
राह खफा है पाव जुदा हे
ज़ुल्म तो ये है
ज़ुल्म तो ये है साथ जमी के
दिल भी यहा बट्ट जाते है
ये कैसी दीवार है दुनिया

Trivia about the song Yeh Kaisi Deewar Hai Duniya by Mohammed Rafi

Who composed the song “Yeh Kaisi Deewar Hai Duniya” by Mohammed Rafi?
The song “Yeh Kaisi Deewar Hai Duniya” by Mohammed Rafi was composed by Majrooh Sultanpuri.

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