Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor

GHULAM MOHAMMED, MAJROOH SULTANPURI

ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
के इक नशीली बहार हो तुम
के इक नशीली बहार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

कभी झुकी तुम निगाह बन कर
कभी उठी दिल से आह बन कर
आहा बन कर
खटक रही हो कभी जिगर में
खटक रही हो कभी जिगर में
कभी कलेजे के पार हो तुम
कभी कलेजे के पार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

गरज़ क़यामत से कम नहीं हो
कोई भी हो तुम, बहोत हसीं हो
बहोत हसीं हो
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
के हुस्न का शाहकार हो तुम
के हुस्न का शाहकार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

Trivia about the song Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor by Mohammed Rafi

Who composed the song “Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor” by Mohammed Rafi?
The song “Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor” by Mohammed Rafi was composed by GHULAM MOHAMMED, MAJROOH SULTANPURI.

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