Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye

Ravi, Sahir Ludhianvi

ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तकदीर संवर जाये तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं हाय
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा

दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं होय
वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा

Trivia about the song Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye by Mohammed Rafi

Who composed the song “Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye” by Mohammed Rafi?
The song “Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye” by Mohammed Rafi was composed by Ravi, Sahir Ludhianvi.

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