Zara Man Ki Kewadiya Khol

Naushad, Shakeel Badayuni

ज़रा मन की केवड़ियां खोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
ज़रा मन की केवड़ियां खोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
सैंया तोरे बलमा तोरे द्वारे खड़े सजना तोरे द्वारे खड़े
आ आ आ आ आ आ आ

बिरहा की रैना
बिरहा की रैना
तेरी गलियों के फेरे
तेरी गलियों के फेरे
जोगी का रूप लिया प्रीतम ने तेरे
जोगी का रूप लिया प्रीतम ने तेरे
गोरी सुन ले बलम के बोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
हा सैंया तोरे बलमा तोरे द्वारे हो सजना तोरे द्वारे खड़े

औ हो औ मिलना है आज तोहे अपने पिआ से
औ हो औ मिलना है आज तोहे अपने पिआ से
जाने न भेद कोई तेरे जिआ के
जाने न भेद कोई तेरे जिआ के
मन मन में सजनिया डोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
हो हो सैंया तोरे बलमा तोरे द्वारे खड़े सजना तोरे द्वारे खड़े

बिगड़े न बात कहीं धीरज न खोना
बिगड़े न बात कहीं धीरज न खोना
जागे हैं भाग अब काहे का रोना
जागे हैं भाग अब काहे का रोना
तेरा जीवन बड़ा अनमोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
ज़रा मन की केवड़ियां खोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
हो सैंया तोरे द्वारे हो बलमा तोरे द्वारे खड़े

Trivia about the song Zara Man Ki Kewadiya Khol by Mohammed Rafi

Who composed the song “Zara Man Ki Kewadiya Khol” by Mohammed Rafi?
The song “Zara Man Ki Kewadiya Khol” by Mohammed Rafi was composed by Naushad, Shakeel Badayuni.

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