Zara Samne To Aa O Chhaliye

Bharat Vyas, S N tripathi

ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है

ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये

हम तुम्हे चाहे तुम नहीं चाहो
ऐसा कभी न हो सकता
पिता अपने बालक से बिछुड़ के
सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की
जग में क्या बात है
जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है

ज़रा सामने तो आओ छलिये

प्रेम की है ये आग सज्जन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्रेम की है ये आग सज्जन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्यार का है ये तार पिया जो
इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है
मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है

ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये

Trivia about the song Zara Samne To Aa O Chhaliye by Mohammed Rafi

Who composed the song “Zara Samne To Aa O Chhaliye” by Mohammed Rafi?
The song “Zara Samne To Aa O Chhaliye” by Mohammed Rafi was composed by Bharat Vyas, S N tripathi.

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